ऑपरेशन सिन्दूर – आखिर आज ही क्यों?

ऑपरेशन सिन्दूर – आखिर आज ही क्यों? [एक ज्योतिषीय विश्लेषण!]

पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात्रि के मध्य ठीक 01:05 से 01:30 के बीच पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइलें दाग कर नेस्तनाबूद कर दिया। इस कार्यवाही का नाम ऑपरेशन सिन्दूर रखा गया। इस ऑपरेशन में भारत में आतंकी कार्यवाहियों से जुड़े हुए 9 केन्द्र जमींदोज हो गए और 100 से अधिक आतंकी मारे गए। ऑपरेशन सिन्दूर का नामकरण उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके सामने उनके पतियों को आतंकवादियों ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी। ऑपरेशन सिन्दूर अपने उद्देश्य में सफल रहा। भारतीय जनता का इसे पूरा सपोर्ट मिला। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के लिए जो टाइमिंग चुनी है, उसका ज्योतिषीय आधार पर विश्लेषण करना भी जरूरी है। वस्तुत: जब किसी हमले की जवाबी कार्यवाही की जाती है, तो उसमें कुल संज्ञक नक्षत्र, वार आदि को ग्रहण किया जाता है। साथ ही मुहूर्त लग्न का लग्न और लग्नेश बली होने चाहिए और तृतीय भाव एवं तृतीयेश का सम्बन्ध लग्न या लग्नेश से बन रहा हो, तो अति उत्तम होता है। आइए, जानते हैं, ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ग्रहस्थिति क्या थी? और इन मानकों का उसमें कितना पालन किया गया? 6 मई और 7 मई की रात्रि में ज्योतिषीय वार मंगलवार था, जो कुलसंज्ञक वार है। जहां तक नक्षत्र का प्रश्न है, तो ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान कुल संज्ञक नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी ही था। अब आते हैं लग्न पर ऑपरेशन के दौरान मकर लग्न था। लग्नेश शनि तृतीय भाव में योगकारक शुक्र और भाग्येश बुध के साथ युति बनाकर तीन राजयोगों का निर्माण कर रहा है, जो लक्ष्य प्राप्ति को सुनिश्चित करता है। तृतीयेश गुरु और पंचमेश शुक्र के मध्य परस्पर राशि परिवर्तन है, जो बताता है कि यह कार्यवाही जनता की मांग पर की गई और जनता का समर्थन इसे प्राप्त है। लग्न पर मंगल का दृष्टि प्रभाव भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को दर्शाता है तथा विजय को सुनिश्चित करता है। लग्न पर गुरु का दृष्टि प्रभाव बताता है कि यह कार्यवाही न्यायपूर्ण अधिकारों के लिए की गई और उसमें पूरी तरह नीति और अन्तरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है। यह टार्गेटेड कार्यवाही आतंकी ठिकानों पर थी, इसमें न तो पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया और न ही सामान्य नागरिकों को। चतुर्थ भाव में उच्चराशिस्थ सूर्य भी एक ओर जहां सफलता को सुनिश्चित करता है, तो वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाता है कि भारतीय जनता सेना की इस कार्यवाही पर गर्व करती है। लग्नेश एवं तृतीय भाव पर राहु-केतु का प्रभाव आधुनिक तकनीकी के माध्यम से लक्ष्य साधकर की गई कार्यवाही को दर्शाता है, जिसमें जीपीएस, उपग्रह, आधुनिक सॉफ्टवेयर आदि शामिल होते हैं। कुल मिलाकर भारतीय सेना ने सही नक्षत्र, वार और लग्न में इस ऑपरेशन सिन्दूर सम्पन्न किया, जो सफलता का एक महत्त्वपूर्ण कारक भी बना। 

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