चन्द्रबाबू नायडू की शपथग्रहण कुण्डली का विश्लेषण

चन्द्रबाबू नायडू की शपथग्रहण कुण्डली का विश्लेषण

सफल रहेगी नायडू की सरकार!

आन्ध्रप्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से विजयी होकर एन. चन्द्रबाबू नायडू ने आज आन्ध्रप्रदेश में कृष्णा जिले में चौथी बार आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सिंह लग्न और मघा नक्षत्र में शपथ ग्रहण की है। शपथ ग्रहण कुण्डली में लग्नेश सूर्य दशम भाव में बली होकर पंचमेश गुरु के साथ युति सम्बन्ध से राजयोग का निर्माण कर रहा है। यह युति सम्बन्ध सरकार को पर्याप्त जन समर्थन दिलवाएगा। कर्मेश शुक्र दशम भाव में स्वराशिस्थ है और लग्नेश सूर्य तथा पंचमेश गुरु से युति सम्बन्ध बनाकर राजयोग बना रहा है। यह राजयोग दर्शाता है कि सरकार प्रशासनिक मामलों में सफल होगी, तो वहीं अनेक लोकहितकारी निर्णय भी लेगी। लग्नेश सूर्य तथा आयेश धनेश बुध की युति धन योग का निर्माण कर रही है, जो यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था को विकसित और समृद्ध करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। गुरु चूँकि अष्टमेश भी है, इसलिए विदेशी निवेश को बढ़ाना भी सरकार की प्राथमिकता रहेगी। हालाँकि तेलगूदेशम पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है और उसे जनसेना पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। फिर भी चन्द्रबाबू नायडू ने एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है तथा सरकार में जनसेना पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी भी शामिल है। सहयोगियों के साथ सामंजस्य के सम्बन्ध में शपथ ग्रहण कुण्डली में बहुत अनुकूल स्थिति नहीं है। सप्तम भाव में कुम्भ राशि है और शनि वहाँ स्थित है, जिसके चलते आपसी सामंजस्य की समस्या कुछ हद तक रह सकती है। लग्न में चन्द्रमा भी शुभ नहीं माना जा सकता और शनि–चन्द्रमा का परस्पर दृष्टि सम्बन्ध भी कतिपय एेसे निर्णयों और कदमों की ओर संकेत कर रहा है, जिनसे सरकार एवं सहयोगी दलों को परेशानी का अनुभव हो।

जहाँ तक दशा का प्रश्न है, तो पंचवर्षीय दशा पद्धति के अनुसार केतु की महादशा अगस्त, 2024 तक है। केतु द्वितीय भाव में स्थित होकर उपलब्धिकारक बना हुआ है। यह अवधि सरकार के लिए आर्थिक एवं अन्य मामलों में कोई महत्त्वपूर्ण उपलब्धि दिलवा सकती है। केन्द्र सरकार की कोई बड़ी सहायता भी प्राप्त हो सकती है।

शुक्र की दशा अगस्त, 2024 से जून, 2025 तक रहेगी। जन्मपत्रिका में शुक्र कर्मेश होकर राजयोगकारक है। इसलिए यह दशा भी सरकार के प्रशासनिक अर्थव्यवस्था एवं लोकहितकारी निर्णयों की दृष्टि से सहायक रहनी चाहिए। इस अवधि में नायडू अपने कार्यों से न केवल भारत में वरन् वैश्विक स्तर पर भी प्रसिद्ध हो सकते हैं। जून, 2025 से सितम्बर, 2025 के मध्य सूर्य की दशा भी सरकार के यश में वृद्धिकारक रहनी चाहिए। इसमें सरकार कुछ ऐसे निर्णय ले सकती है, जिनका प्रभाव दीर्घकाल तक रहेगा। सितम्बर, 2025 से फरवरी, 2026 के मध्य चन्द्रमा की दशा रहेगी। यह दशा बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। इस अवधि में कतिपय निर्णयों के चलते सरकार विवाद में आ सकती है। फरवरी, 2026 से मई, 2026 के मध्य मंगल की दशा रहेगी। मंगल जन्मपत्रिका में योगकारक होकर भाग्य भाव में स्वराशि का स्थित है। इस अवधि में सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, नई राजधानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्टों में सफलता प्राप्त कर सकती है। हालाँकि कुछ नीतियों के चलते विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं। मई, 2026 से फरवरी, 2024 के मध्य राहु की दशा रहेगी। कुण्डली में राहु अष्टम भाव में स्थित है, जो कि शुभ नहीं है। इस अवधि में सरकार की कतिपय नीतियों एवं कार्यों को लेकर विपक्षी सरकार के ऊपर हावी हो सकते हैं। एआई, कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी, इंटरनेट एवं अन्य तकनीकी मामलों में विदेशी सहायता भी इस अवधि में मिल सकती है। फरवरी, 2027 से अक्टूबर, 2027 के मध्य गुरु की दशा रहेगी, जो कि एक ओर जहाँ लोकहितकारी कार्यों में सरकार के फोकस को दिखा रही है, तो वहीं विदेशी निवेश आदि के लिए प्रयासों में सफलता भी दर्शा रही है। अक्टूबर, 2027 से अगस्त, 2028 तक शनि की दशा सहयोगियों से तालमेल की दृष्टि से कुछ परेशानीदायक हो सकती है। इस अवधि में सामंजस्य की समस्या बनी रह सकती है। अगस्त, 2028 से अप्रैल, 2029 बुध की दशा रहेगी। यह आन्ध्रप्रदेश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से उन्नतिकारक मानी जा सकती है। कुल–मिलाकर शपथग्रहण कुण्डली सरकार की सफलता की ओर संकेत कर रही है। सरकार का कार्यकाल सफल रहना चाहिए तथा कुछ उपलब्धि भी अर्जित होनी चाहिए। जिस दशा में इस सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा, वह पुन: सत्ता में आने का संकेत भी कर रहा है।

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