इन पंक्तियों को लिखे जाने तक यद्यपि आरसीबी टाटा आईपीएल-2023 में नॉकआउट दौर में अपना स्थान नियत न कर सकी, परन्तु अपने अन्तिम दो लीग मैचों में विराट कोहली ने जो शानदार प्रदर्शन किया है, उसके चलते आरसीबी के फैन्स उतने मायूस नहीं होंगे। आईपीएल-2023 मेंे विराट का प्रदर्शन 2016 के उनके करिश्माई प्रदर्शन की याद दिलाता हुआ प्रतीत हुआ। दो लगातार शतक और छह अर्द्धशतकों के साथ उन्होंने 14 मैचों में लगभग 140 की स्ट्राइक रेट से 639 रन बनाए हैं, जो कि उनके कॅरिअर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसी के साथ वे एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 7,000 से अधिक रन आईपीएल में पूरे कर लिए हैं। सात शतकों के साथ वे आईपीएल में सर्वाधिक शतकवीर खिलाड़ी बन गए हैं। उनके अर्द्धशतकों का भी ‘अर्द्धशतक’ हो चुका है। अगस्त, 2022 से पुन: उनका बल्ला गरजने लगा है। वे अपने पुराने दौर में लौटते हुए दिखाई दे रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि विराट की दूसरी पारी का आगाज हाे रहा है। इस आईपीएल में उनके प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा कि वे लगभग रिटायरमेंट की अवस्था में हैं। अब रिटायरमेंट उनसे काफी दूर प्रतीत हो रहा है। लगभग 35 वर्षीय विराट का प्रदर्शन 28 वर्षीय विराट की भाँति है।
जून, 2022 से ही हम विराट कुण्डली के आधार पर उनके प्रदर्शन का ज्योतिषीय आधार पर बारीकी से निरीक्षण कर रहे हैं। जब दो-तीन वर्ष की लगातार असफलता के बाद क्रिकेट के जानकार विराट के कॅरिअर को ढलान पर मान रहे थे और यह चर्चा उठने लगी थी कि अब विराट को संन्यास ले लेना चाहिए, तब जून, 2022 में ‘ज्योतिष सागर’ ने पूर्वाकलित किया था कि अगस्त, 2022 से विराट का बल्ला फिर गरजेगा। उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि विराट अब अपनी दूसरी पारी खेल रहे हैं। यह पारी अगस्त, 2022 से आरम्भ हुई है। आइए, इस पारी में सन् 2023 में क्या-क्या रंग देखने को मिलेंगे? इस वर्ष अक्टूबर-नवम्बर में विश्वकप के अलावा भारतीय टीम जुलाई-अगस्त में वेस्टइण्डीज दौरे पर रहेगी। सितम्बर में आॅस्ट्रेलियाई टीम भारत आएगी। साथ ही, नवम्बर, 2023 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलेगी अर्थात् आईपीएल के बाद आगामी पाँच-छह माह व्यस्तता भरे हैं। उपलब्ध सूचना के अनुसार विराट का जन्म 05 नवम्बर, 1988 को प्रात: 10:28 बजे धनु लग्न और मिथुन नवांश में हुआ। जन्मपत्रिका में लग्न में तृतीयेश शनि की उपस्थिति है और तृतीय भाव में राहु स्थित है। मंगल दशम भाव, एकादश भाव एवं उनके स्वामियों पर पूर्ण दृष्टि डाल रहा है। यह योग उन्हें खेल जगत् में लेकर आया। कर्मेश बुध एवं आयेश शुक्र के मध्य परस्पर राशि परिवर्तन है, जो सफलता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। ऐसे जातक को योग्यता, प्रतिभा एवं परिश्रम के अनुरूप सफलता प्राप्त होती है।
विराट कोहली
जन्म दिनांक : 05 नवम्बर, 1988
जन्म समय : 10:28 बजे
जन्म स्थान : दिल्ली
जन्मपत्रिका एकादश भाव में भाग्येश एवं कर्मेश की युति धर्मकर्माधिपति राजयोग का निर्माण कर रही है। सूर्य यद्यपि नीच राशि में है, परन्तु उसका नीचभंग हो रहा है और उसका राजयोगकारक होना एवं एकादश भाव में स्थित होना भी शुभ फलदायक है। लग्न में तृतीयेश शनि का स्थित होना तथा उसकी दृष्टि दशम भाव पर होना उन्हें कर्मठ एवं जुझारू बना रहा है। दशम भाव पर लग्नेश गुरु एवं पंचमेश मंगल की भी दृष्टि है। नवांश में तृतीयेश सूर्य कर्मेश गुरु के साथ युति बनाकर कर्मभाव में स्थित है, वहीं आयेश मंगल की तृतीय भावस्थ स्थिति है और उसका दृष्टि प्रभाव कर्मभाव, कर्मेश एवं तृतीयेश पर पड़ रहा है। यह योग भी खेल जगत् में सफलता को दिखाता है। दशमांश में तृतीय भाव में धनेश-आयेश गुरु की उच्च राशिस्थ सूर्य के साथ युति कॅरिअर की दृष्टि से अनुकूल फलप्रद है। द्वादश भाव में उच्च राशिस्थ मंगल के साथ स्वराशिस्थ शनि का युति सम्बन्ध राजयोगकारक है, जो कि लीक से हटकर और विदेश में बेहतरीन सफलता प्रदान करता है। विराट वर्तमान में राहु महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा में गुरु की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। इस प्रत्यन्तर्दशा में खेलों में उनका प्रदर्शन शानदार रहना चाहिए। प्रत्यन्तर्दशानाथ गुरु लग्नेश-चतुर्थेश होकर षष्ठ भाव में सूर्य के नक्षत्र में स्थित है और नक्षत्रेश सूर्य एकादश भाव में स्थित होकर सफलताकारक बना हुआ है। यह प्रत्यन्तर्दशा अप्रैल, 2023 से सितम्बर, 2023 तक है। 03 सितम्बर से द्वितीयेश-तृतीयेश शनि की प्रत्यन्तर्दशा का आरम्भ होगा, जाे कि लग्न में मूल नक्षत्र में स्थित है और नक्षत्रेश बुध एकादश भाव में स्थित होकर बेहतर प्रदर्शन का संकेत दे रहा है। कहने का आशय यही है कि विश्वकप एवं वेस्टइण्डीज तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली जाने वाली सीरीजों में विराट के बल्ले से फिर रन बनेंगे और उनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा।