कब है 2023 में गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट?
दीपावली 12 नवम्बर की है, परन्तु गोवर्धन एवं अन्नकूट के सम्बन्ध में किसी एक तिथि की बात नहीं की जा रही है। इस सम्बन्ध में शास्त्रीय व्यवस्था क्या है, आइए उसकी चर्चा करते हैं।
सामान्यतः दीपावली पर्व के अगले दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट पर्व मनाये जाते है। इस पर्व के लिए शास्त्रीय व्यवस्था यह है कि ये पर्व उसी दिन मनाए जाएं, जिस दिन शाम को चन्द्रदर्शन न हो :
गवां क्रीड़ादिने यत्र रात्रौ दृश्येत चन्द्रमाः।
सोमो राजा पशून् हन्ति सुरभिः पूजाकंस्तथा।। (पुराणसमुच्चय)।
इसलिए यदि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्यास्त के समय चंद्रदर्शन होने वाला हो, तो गोक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट पर्व पूर्वयुता (अमायुता) प्रतिपदा के दिन ही करने चाहिए। यहाँ चन्द्रदर्शन के सम्बन्ध में धर्मशास्त्रकारों ने 'स्थूल चंद्रदर्शन' को आधार माना है और इस सम्बन्ध में दो नियम प्रतिपादित किये हैं :
1. यदि प्रतिपदा सूर्योदय के बाद कम से कम 9 मुहूर्त (7 घंटा 12 मिनट) या उससे अधिक विद्यमान हो, तब 'स्थूल चंद्रदर्शन' का अभाव होगा और उसी दिन गोक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट आदि मनाया जाता है।
2. यदि प्रतिपदा 9 मुहूर्त (7 घंटा 12 मिनट) से कम हो, तो उस दिन (प्रतिपदा के दिन) 'स्थूल चंद्रदर्शन' मानकर इन पर्वों को पहले दिन (अमावस्या युक्ता प्रतिपदा को) ही मनाना चाहिए।
14 नवंबर, 2023 को प्रतिपदा 14:06 तक है, इस प्रकार 6:56 बजे से पूर्व सूर्योदय वाले प्रदेशों में प्रतिपदा 9 मुहूर्त से अधिक होने से स्थूल चंद्रदर्शन का अभाव मानकर 14 नवंबर, मंगलवार को ही प्रथम नियम के अनुसार गोक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट आदि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत है और पश्चिमी गुजरात आदि प्रदेशों में जहाँ 14 नवंबर, 2023 को 6:56 बजे के बाद सूर्योदय है, वहाँ प्रतिपदा 9 मुहूर्त से कम होने से स्थूल चंद्रदर्शन मानकर 13 नवंबर सोमवार को ही द्वितीय नियम के अनुसार गोक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट आदि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत है।