प्रदोष व्रत
इस माह 10 नवम्बर को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। प्रदोष के दिन भगवान् शिव की पूजा की जाती है तथा उपवास रखा जाता है। प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर प्रदोषकाल में स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान् शिव की पंचमोपचार या षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए तथा शिवताण्डव स्तोत्र एवं प्रदोष स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और शिवपंचाक्षरी मन्त्र ‘नमः शिवाय’ का यथासम्भव जप करना चाहिए। जप करने के उपरान्त प्रदोष कथा का श्रवण करना चाहिए। अन्त में ब्राह्मणों को भोजन करवाकर स्वयं भोजन करना चाहिए।