दीपावली
कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली मनायी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान् श्रीराम 14 वर्ष के वनवास एवं लंका पर विजय के उपरान्त अयोध्या लौटे थे। इस अवसर पर अयोध्यावासियों ने घरों में दीपक जलाकर रोशनी करके स्वागत किया था। तब से यह पर्व प्रकाश पर्व और दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष सायंकाल में कार्तिक कृष्ण अमावस्या 12 नवम्बर, 2023 को पड़ रही है। इस दिन घर की साफ-सफाई करके सायंकाल दीपदान करना चाहिए। दीपदान के लिए एक थाली में सरसों के तेल के 26 दीपक रखें तथा उनके मध्य में एक चौमुखा दीपक रखकर उन्हें प्रज्वलित करें, तदुपरान्त उनका रोली, अक्षत और पुष्प से पूजन करें तथा निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण अवश्य करें :
भो दीप त्वं ब्रह्मरूप अन्धकारनिवारक।
इमां मया कृतां पूजां गृह्णँस्तेजः प्रवर्धय।।
अब दीपकों को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर, तुलसीजी के समीप, रसोई, पूजास्थल, अध्ययन कक्ष, पेयजल रखने के स्थान पर, ब्रह्मस्थल (घर का आँगन अथवा चौक), घर की छत पर और स्थानीय परम्परानुसार वांछित स्थलों पर रखें।